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जानते हैं, बिरला ग्रुप की सफलता की कहानी 

 

आपने अक्सर देखा होगा कि लोग अगर बड़े मार्केट में पांव पसारते हैं तो इसके लिए उन्हें कई पेतरे अपनाने पड़ते हैं। सबसे जरूरी बात तो यह है कि कोई भी व्यक्ति एक ही बार बड़ा बिजनेस नहीं करता है वो पहले छोटे बिजनेस से शुरू करता है और अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए दिन रात मेहनत कर अपने बिजनेस को एक नए मुकाम पर पहुंच आता है।

अगर आप यह तय कर लें कि मार्केट में खरीददारों को जो कुछ भी भाता या पसंद आता हो आप उस चीज को हर किसी के लिए उपलब्ध कराने का प्रबंध कर देंगे तो मार्केट में आपका बिजनेस चल रहा आसान हो जाता है ।

ये बात जानकर आपको काफी हैरानी होगी कि आदित्य बिड़ला ग्रुप के बैनर तले तमाम ब्रांड के कपड़े बाजार में उपलब्ध होते हैं और ग्राहकों को भरे मन से खरीदते भी हैं आखिर ऐसा क्यों है।

आज हम आपको भी ला ग्रुप की सफलता की एक छोटी सी कहानी बताने के लिए जा रहे हैं

इसे समझने के लिए आपको थोड़ा धीरज धरना होगा। हम आपको एक ऐसी छोटी कहानी सुनाएंगे जो यूं तो टैक्सटाइल सेक्टर में बिड़ला ग्रुप की सफलता का आईनाभर है, लेकिन यह आपको बाजार के बाजारवाद को समझाने के लिए काफी है। इस कहानी के जरिए समझिए क्यों बिड़ला ग्रुप आज भी लोगों का पसंदीदा ब्रांड बना हुआ है।

 

सूत्रों के मुताबिक बताया गया है कि कुछ  सालों पहले किसी कस्बे में सुरेश की मिठाई की एक छोटी सी दुकान हुआ करता था ।सुरेश अपनी दुकानों में पेङा बेचा करता था। सुरेश का यह बिचिनेस काफी अच्छा चलता था। उस कस्बे के सभी लोग सुरेश के दुकान पर ही मिठाई लेने आते थे दुकान पर ज्यादा भीड़ देखकर सुरेश ने एक दुकान और खोल लिया। जब धोखा आजम सुरेश के दोनों दुकान पर भी लगने लगी तो सुरेश ने और दुकान खोलने की योजना बना लिया।

लेकिन इसी बीच सुरेश के दिमाग में गजब का आइडिया आया। उसने सोचा कि अगर कुछ लोग पेठे के 10 पैसे दे सकते हैं तो कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो और अच्छे पेठे के लिए 15-20 पैसे देने को भी तैयार होंगे। ऐसे में अगर वो दुकान नहीं खोलेगा तो कोई और इस दुकान को खोल लेगा। सुरेश ने पूरी तैयारी कर ली थी और वो दुकान खोलने वाला ही था, लेकिन सुरेश के पिता ने बताया कि लोग पेठे के कारण तुम्हारी दुकान की तरफ आकर्षित हुए हैं और ये वाजिब दामों में मिलता है।

इसलिए हो सकता है कि नई दुकान में इस थोड़े महंगे पेठे के लिए अन्य ग्राहकों का आना थोड़ा मुश्किल लगता है। सुरेश के पिता ने सुझाव दिया कि बेटा तुम्हे विकास मिठाई नाम से एक दुकान खोलनी चाहिए। सुरेश ने बताया कि यह आइडिया काम कर गया और इसके बाद सुरेश ने अपने इन दोनों ब्रांड्स की कई और दुकाने खोलीया जिस दुकान के जरिए आज सुरेश करोड़ों रुपए कमा रहे हैं।

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