भारत में स्टूडेंट्स और सिंगल वर्किंग प्रोफेशनल्स महानगरों में शेयर्ड लीविंग , हॉस्टल और पेइंग गेस्ट के रूप में रहते हैं। भारत में शेयर्ड लीविंग हॉस्टल क्षेत्र ज्यादातर अव्यवस्थित रूप से बिल्डिंग मालिकों के द्वारा संचालित किया जाता है। भारत में हॉस्टल और अथवा गेस्ट हाउसेस में सुविधाओं की कमी होती है और जो कि पूरी तरह से हॉस्टल मालिक की मनमानी से संचालित होता है। हमारे देश में स्टूडेंट्स और वर्किंग प्रोफेशनल्स को घर से बाहर सुविधायुक्त ,घर जैसी सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से ही शेयर्ड लीविंग स्टार्टअप Stanza living की स्थापना की गई। Stanza living की शुरुआत अनिध्य दत्ता और सुदीप डालमिया ने मिलकर जुलाई 2017 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के नार्थ कैम्पस से की थी।
2017 में 100 बेड से शुरुआत कर केStanza living भारत के 10 बड़े शहरों में 55 हजार बेड्स शेयर लीविंग के कांसेप्ट पर प्रदान कर रहा है। Stanza living अपने कस्टमर बेस के रूप में छात्रों और वर्किंग प्रोफेशनल्स को टारगेट करता है। Stanza living अपने प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध शेयर्ड लीविंग स्पेस में अनेक सुविधाएं जैसे वाईफाई , हाउस कीपिंग, लॉन्ड्री, कैफे और किचन तथा हाइजीनिक भोजन आदि उपलब्ध कराता है। stanza लिविंग अपने को-लीविंग हॉस्टल को बहुत ही आकर्षक , और अफोर्डेबल दाम पर अपने कस्टमरों को उपलब्ध करवाता है।
Stanza living ने शुरुआत से अब तक कुल 70 मिलियन डॉलर की फंडिंग ग्लोबल वेंचर्स इन्वेस्टर्स जैसे सिकोइया कैपीटल , एक्सेल मैट्रिक्स पार्टनर्स के द्वारा प्राप्त की है और अपने सीरीज सी फंडिंग राउंड में कंपनी की वैल्यू 300 मिलियन डॉलर आंकी गई है।
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भारत के महानगरों में युवा वर्किंग प्रोफेशनल्स की बढ़ती जनसँख्या के कारण शेयर्ड लिविंग अपार्टमेंट्स की मांग लगातार बढ़ रही है और इस क्षेत्र में कई पहले से स्थापित कंपनियां जैसे नेस्ट अवे, ओयो, ज़ोलो स्टे आदि अपनी सर्विस दे रही हैं। इन स्थापित कंपनियों को Stanza living अपने बेहतरीन सुविधाओं और अफोर्डेबल कीमत के कारण निश्चित ही कड़ी टक्कर देगी।