हाल के दिनों में वाहन रेंटल सर्विस का कॉन्सेप्ट तेजी से प्रचलन में आ गया है। बड़े शहरों के बढ़ते ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या के कारण लोग में बाइक और कार को रेंट पर लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बैंगलोर स्थित बाइक रेंटल स्टार्टअप बाउंस लोगों को डॉकलेस कांसेप्ट पर स्कूटर रेंट पर उपलब्ध करा रहा है। इसकी स्थापना सन 2014 में विवेकान्द एच आर, अनिल जी और वरुण अग्नि ने की थी|
बाउंस बाइक रेंटल के बिज़नेस मॉडल की खास बात है कि यह अपने कस्टमरों को बाइक का उपयोग करने के बाद शहर में कहीं भी छोड़ने की सुविधा देता है। यह सुविधा अपने आप में आवागमन की सुविधा को आसान बना रही है| इससे ना केवल पैसे की बचत होती है बल्कि समय और आपकी ऊर्जा भी बचती है| इस रेंटल सर्विस का किराया अन्य वाहनों की तुलना में काफी कम है| बाउंस बाइक आप बैंगलोर, हैदराबाद, डंडेली , हैदराबाद, श्रवणबेलगोला, जयपुर, मैसूर से ले सकते हैं और इसको शहर के किसी भी स्थान पर छोड़ सकते हैं|
बाइक के रेंट में फ्यूल का खर्चा शामिल होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बाउंस प्लेटफार्म पर उपलब्ध बाइक में किसी चाबी की जरूरत नहीं होती है। इसके ग्राहक एक ओटीपी के जरिये बाइक को चला सकते हैं।
बाउंस स्टार्टअप प्लेटफार्म ने एक साल के अंदर ही 100000 राइड का पूरी की हैं । बाउंस प्लेटफार्म पर 13000 बाइक उपलब्ध हैं, और उसमें से लगभग 10000 बाइक डॉकलेस मोड में उपलब्ध हैं। बाउंस एप बेस्ड प्लेटफार्म 35 शहरों में उपलब्ध है और हाल ही में हैदराबाद में बाउंस ने अपनी सेवा शुरू की है।
ऑनलाइन एप बेस्ड प्लेटफार्म बाउंस को हाल ही में सीरीज D के फंडिंग राउंड में फेसबुक के को -फाउंडर एदुआर्दो सवेरीन के वेंचर कैपिटल फण्ड B कैपिटल ने 692 करोड़ का निवेश किया है। इस फंडिंग राउंड में बाउंस स्टार्टअप का कुल वैल्यूएशन बढ़कर 450 मिलियन डॉलर हो गया है, जबकि जून 2019 में सीरीज C के फंडिंग राउंड में बाउंस राइड शेयरिंग का वैल्यूएशन 200 मिलियन डॉलर था। इसके साथ ही 6 महीने में ही बाउंस का वैल्यूएशन 100% बढ़ गया है। आगे के कनेक्टेड राइड प्लेटफार्म के बढ़ते चलन को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बाउंस का भारत मे उज्जवल भविष्य है और यह अपने प्रतिद्वंदियों जैसे VOGO, Rapido को कड़ी टक्कर देगा|
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